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शिव

शिव होना, सरल नहीं होता। सरल होता तो , हर कोई शिव होता।। पीना पड़ता है, विष को ऐसे। हृदय में न जाये, न जिह्वा पे आये।। गले में भुजंग रहे, मूषक भी संग रहे। प्रचण्ड गंगा भी, मिलकर सरल बहे।। काम को जीतना, साधना में खोना। काया में रहकर, माया का न होना।। शिव होना, सरल नहीं होता। सरल होता तो, हर कोई शिव होता।। शिव होना, सरल नहीं होता। सरल होता तो , हर कोई शिव होता।। पीना पड़ता है, विष को ऐसे। हृदय में न जाये, न जिह्वा पे आये।। गले में भुजंग रहे, मूषक भी संग रहे। प्रचण्ड गंगा भी, मिलकर सरल बहे।। काम को जीतना, साधना में खोना। काया में रहकर, माया का न होना।। शिव होना, सरल नहीं होता। सरल होता तो, हर कोई शिव होता।।

चाहत

मैं खुश हूँ, लतीफ़ा बनके भी। अगर तेरे चेहरे पर, मुस्कान आती है।।